तुम कहा फिर हम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
फ़ासलें तो कम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
जब तबीबों की दवा भी काम आने से रही
ख़त तेरे मरहम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
वो मुझे जो छोड़ कर जाते रहें आते रहें
दूर उनके ग़म हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
बेघरों को हमने अपना घर दिया दामन दिया
अपने सब बरहम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
यार मिलने में ख़ुदा की कुछ इनायत थी सनम
दीप सब मद्धम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
प्यार पहला है अभी सब कुछ लगेगा खेल है
नाम ही सरगम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
जीत कर बैठे रहे हम दिल किसी का उम्र भर
प्रेम के मौसम हुए हैं ख़ैर ये भी ठीक है
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