अब मोहब्बत में क्या करे कोई - ALI ZUHRI

अब मोहब्बत में क्या करे कोई
ज़ख़्म-ए-दिल को सिला करे कोई

हुस्न नामी किसी समंदर में
रेत बन के बहा करे कोई

हाए वो इश्क़ का असर पहला
फूल जैसे खिला करे कोई

इश्क़ है एक फितना ए मलऊन
विर्द लाहौल का करे कोई

अपने महबूब को ख़ुदा कहकर
क्यूँ ख़ुदा से गिला करे कोई

- ALI ZUHRI
2 Likes

More by ALI ZUHRI

As you were reading Shayari by ALI ZUHRI

Similar Writers

our suggestion based on ALI ZUHRI

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari