मन कम है लेकिन फिर भी.. हँस देता हूँ - Abhas Nalwaya Darpan

मन कम है लेकिन फिर भी.. हँस देता हूँ
हँसना ही ग़र हल है जी , हँस देता हूँ..

कभी-कभी तो मुझको ग़ुस्सा आता है,
उसमें भी मैं कभी-कभी हँस देता हूँ

ये मेरी ख़ूबी है या फिर कमज़ोरी?
रोते-रोते बीच में ही हँस देता हूँ

सब नाराज़ी मिट्टी में मिल जाती है ,
वो बस कहती है सोरी , हँस देता हूँ

कितनो को इस बात पे रोना आता है,
ये जो मैं यूँ घड़ी-घड़ी हँस देता हूँ

दुनिया जैसे कोई जुमला हो दर्पन,
जब 'दुनिया' बोले कोई , हँस देता हूँ ..

दर्पन 🌻

- Abhas Nalwaya Darpan
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