साथ मेरे भले बुरा होता - Aman Mishra 'Anant'

साथ मेरे भले बुरा होता
हाल तेरा सँवर गया होता

काम कुछ और कर भी लेता तो
कौन सा नाम कर दिया होता

मैं कहा करता था उसे राधा
काश के रुकमणी कहा होता

लिख नहीं शायरी भले पाता
नाम तेरा मगर लिखा होता

अब यही दुख रुला रहा हैं , तू
पास होती तो हँस रहा होता

काश तितली मुझे बनाता तू
धर्म से ज़ात से जुदा होता

ज़िंदगी थी नहीं कभी मेरी
काश होती अमन तेरा होता

- Aman Mishra 'Anant'
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