फ़ैसला जो हुआ था गवारा नहीं
रोष दिल से उसी का उतारा नहीं
शान है गोरखा फ़ौज जिस मुल्क की
आज तक वो कोई जंग हारा नहीं
जानते हैं सभी और पहचानते
आम ही आदमी हूँ सितारा नहीं
ख़ूब उम्मीद थी एक एलान की
नाम फ़ेहरिस्त में था पुकारा नहीं
सारगासो सभी लोग कहते जिसे
है समंदर वो फिर भी किनारा नहीं
अब्र का ही लगे है करिश्मा मुझे
बादलों से बुझा कोई तारा नहीं
दोस्त जब अजनबी इत्तिफ़ाक़न लगे
वास्ता कैसे उस से हमारा नहीं
जब कोई साथ दे वक़्त बे-वक़्त भी
कौन कहता किसी का सहारा नहीं
क्या 'मनोहर' हुआ है सभी को अभी
वक़्त ऐसा कभी भी गुज़ारा नहीं
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