मौत आने के बाद समझेंगे
लोग सारे फ़साद समझेंगे
आसमाँ की तरफ़ हैं हाथ मिरे
कैसे पत्थर मुराद समझेंगे
आँख में जब तलक न ख़ूँ आए
तब तलक लोग शाद समझेंगे
साथ रह कर नया नहीं ! केवल
आप मेरा निहाद समझेंगे
आप की चोट ख़ुद पे ले लें हम
आप फिर भी इनाद समझेंगे
आप कितना मुझे समझ पाए
मेरे जाने के बाद समझेंगे
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