उससे ये मत पूँछो,क्या करने की हिम्मत है
जिसमें सपनों को ज़िंदा करने की हिम्मत है
आँधी तूफ़ान बवंडर से लड़कर पाई है
मुझमें माटी को दाना करने की हिम्मत है
अब तो अपनी प्यास बुझेगी बरसातों से ही
वरना दरिया को प्यासा करने की हिम्मत है
सरकार हमारी फसलों की कीमत क्या देगी
उसमें तो केवल कब्जा करने की हिम्मत है
सारी हिम्मत टूट गयी,बच्चों से ये सुनकर
अब भूखे पेट गुज़ारा करने की हिम्मत है
फूंका घर, भूखे बच्चे, टूटी उम्मीदें, अब
मुझमें, रस्सी को फंदा करने की हिम्मत है
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