दिल तोड़ने के काम में बेबाक होकर क्या मिला
ऐ यार तुझको इश्क़ में नापाक होकर क्या मिला
जो आँखों में ही डूबता था अब ग़मों में डूबा है
बस डूबता ही है तो फिर तैराक होकर क्या मिला
ये नौकरी थोड़ी न है आदत लगी है इक मुझे
वरना मुझे यूँ रातभर ग़मनाक होकर क्या मिला
यूँ तो हज़ारों और भी थे रास्ते बस मौत के
फिर ये बताओ इश्क़ में ही ख़ाक होकर क्या मिला
बस इक यही तो था जहाँ पे सिर्फ़ दिल का काम था
तुझको 'भुवन' फिर इश्क़ में चालाक होकर क्या मिला
Read Full