तू नसीब में हो या ना हो पर मेरी राह में तेरा घर रहे
हो यही के फिर उसी राह पर मेरा उम्र भर का सफ़र रहे
मुझे है ख़बर के तू मांगता है ख़ुदा से मुझको दुआओं में
मेरी आरज़ू है यही के अब तेरी हर दुआ में असर रहे
तू करीब हो या के दूर हो तू हो आश्ना या हो अजनबी
तेरा हाल हम को पता हो सब तू जहां रहे तू जिधर रहे
मेरी ये गज़ल मेरी शाइरी मेरी चाहतों का बयान हैं
मैं रहूं कभी या मैं ना रहूं मेरी सल्तनत ये अमर रहे
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