खुदा का शुक्र मेरा ठेकेदार अच्छा है
वगरना कौन ज़हीफों से काम लेता है
मिशाल खान तेरी उंगलियां नहीं टूटी
हमारी माओं के होटों का लम्स टूटा है
मैं उस हथेली पे रौशन हुआ , उसके बाद
वही हुआ जो चिराग़ों के साथ होता है
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