वही मैं हूँ वही तू है वही तेरा बहाना है
अभी कुछ काम है तुझको वही झूठा फ़साना है
यही बस काम होते हैं हसीनों के समझ लो तुम
के पहले लत लगाना और फिर दूरी बढ़ाना है
ये वो ज़ख़्मी परिंदे हैं जिन्हें ज़ख़्मों से निस्बत है
इन्हें टूटे हुए दिल को किसी दिल से लगाना है
है ये कैसा सितम मौला ये हैं दुश्वारियाँ कैसी
जहाँ पर रोना था हमको वहीं पर मुस्कुराना है
जो खंडर है मेरे भीतर महल में अब वो बदलेगा
ज़रा जल्दी करे अब वो यहाँ जिसको भी आना है
वो बचपन के दिनों की बात भी दिखती नहीं है अब
बिना मतलब यहाँ पर अब किसे मिलना मिलाना है
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