ज़िन्दगी में अजीब पल आया

  - Dharamraj deshraj

ज़िन्दगी में अजीब पल आया
आँख से ख़ून सा निकल आया

खो गया दिल पता चला है तब
उनकी बस्ती से जब निकल आया

लुत्फ़ ग़म का लिया करो यारो
दिल मे ग़म का अज़ीब हल आया

ज़ख़्म दिल पे लगाने के ख़ातिर
यार चहरा बदल - बदल आया

अब तो यारब पनाह में ले ले
आरज़ू मैं सभी कुचल आया

मन्ज़िलों की तलाश में यारब
हर कदम पर नया ख़लल आया

ज़ब्त की हद "धरम" ने तोड़ी हैं
खूंँ गरम था अभी उबल आया

  - Dharamraj deshraj

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