पागल लोगों को पागल ही रहने दो - "Dharam" Barot

पागल लोगों को पागल ही रहने दो
ये इश्क़ में हमको घायल ही रहने दो

उसकी मर्ज़ी बिन मुझको क्या मिल जाना
पैरों की मुझको पायल ही रहने दो

करता हूँ लोगों की बातों को इग्नोर
पर आपका मुझको कायल ही रहने दो

दो पल ही रहना है हम दोनों को साथ
दोनों को साथ में दो पल ही रहने दो

कह दो कुछ जुमले कान में धीरे से और
फिर उन बातों को अटकल ही रहने दो

- "Dharam" Barot
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