मसअला रोने का हल होने लगा है
ये यक़ीनन आज कल होने लगा है
जश्न तेरी जीत का होता रहा था
तू मगर रद्द-ए-अमल होने लगा है
दौर माना है बुरा तेरा मगर अब
रास्ता मोती-महल होने लगा है
यार उसका नेक माना है इरादा
ख़्वाब अच्छा बे-महल होने लगा है
दुनिया जितना ये रुलाएगी तुझे फिर
धीरे धीरे तू जबल होने लगा है
जो किया अच्छा बुरा तूने यहाँ पर
वो तेरा तो भाग-फल होने लगा है
ये ललित के साथ जाने क्यों हुआ है
आजकल वो बे-अमल होने लगा है
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