मज़ा बहुत है जलने में किसी के साथ साथ
दिए की उम्र घटती है प रौशनी के साथ साथ
बिछड़ते वक़्त दिख रहे थे अश्क आँखों में
छुपा रहा था जिनको वो हँसी के साथ साथ
रुख़ उसके बाद मौसमों ने भी बदल लिया
चली गईं बहारें भी उसी के साथ साथ
घर एक दश्त है जहाँ हैं ग़म की बारिशें
मैं सब्ज़ हो रहा हूँ इस नमी के साथ साथ
सफ़र तवील है न मंज़िलें क़रीब हैं
सो पुल बना रहा हूँ इक नदी के साथ साथ
नहीं समझ सकेगा कोई भी मेरा कलाम
बस अक़्लमंदो पर खुलेगा फ़ी के साथ साथ
तुम्हें भी मुझमे ख़ामियाँ दिखाई दीं अज़ीज़
कुछ अच्छी आदतें भी थीं बुरी के साथ साथ
हम ऐसे लोग क्या कहेंगे शेर और सुख़न
हुनर से ख़ाली हैं अज़ीज़ ज़ी के साथ साथ
अज़ीज़ ज़ीस्त से फ़क़त तुम्हें गिला नहीं
ये ज़िंदगी तो है हर अजनबी के साथ साथ
Read Full