अपना हुस्न-ओ-शबाब देखें ज़रा

  - Milan Gautam

अपना हुस्न-ओ-शबाब देखें ज़रा
फिर कँवल और गुलाब देखें ज़रा

कितने आशिक़ फ़ना हुए मालूम
क़त्ल-ओ-ख़ूँ का हिसाब देखें ज़रा

वक़्त बर्बाद कर लिया है बहुत
ज़िंदगी की किताब देखें ज़रा

या मोहब्बत करें नशे के लिए
या पुरानी शराब देखें ज़रा

मौज ज़्यादा न कीजिए फ़िलहाल
आप कोई अज़ाब देखें ज़रा

रात को अच्छी नींद नइँ आती
रात को मेरे ख़्वाब देखें ज़रा

अब बड़ा हाथ मारिएगा मिलन
चाँद नइँ आफ़्ताब देखें ज़रा

  - Milan Gautam

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