हाल पागल सा मेरा देख के हारा पागल
एक पागल ने मुझे कह के पुकारा पागल
दिल लगी मैं किसी पागल से नहीं कर सकती
क्या कहा फिर से ज़रा कहना दुबारा पागल
एक पागल की है आग़ोश में सर पागल का
देख पागल से ये कहता है नज़ारा पागल
इल्तिजा है मेरी तुम बर-सर-ए-महफ़िल मुझको
पागलों जैसा नहीं करना इशारा पागल
अब से पहले सुनो पागल ये मेरा हाल न था
हाल फ़ुर्क़त ने किया है ये हमारा पागल
एक पागल ने बिछड़ते हुए पागल से कहा
बिन तेरे मेरा नहीं होगा गुज़ारा पागल
अर्श से फ़र्श तलक देख लिया सारा जहाँ
बा-ख़ुदा तुमसा नहीं है कोई प्यारा पागल
या तो अपना लो मुझे या मेरी बन जाओ तुम
अब नहीं इसके अलावा कोई चारा पागल
पत्तियाँ चूम के जब गुल की हटा गुल ने कहा
चूम लो आज मुझे सारे का सारा पागल
आओ तुम जान-ए-वफ़ा इसकी अयादत के लिए
हो गया है ये शजर देखो तुम्हारा पागल
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