बिछड़ रहे हो तो हमसे जाओ बिछड़ के अपना ख़याल रखना
हमेशा जैसे ख़याल हमने रखा है वैसा ख़याल रखना
मैं वक़्त-ए-फ़ुर्क़त जो कर रहा हूँ नसीहतें वो भुलाइयो मत
हर इक नसीहत को याद रखना समझ में आया ख़याल रखना
कभी तसव्वुर में भूले भटके अगर हमारा ख़याल आए
तो अपनी पलकों को मत भिगोना हमेशा हँसना ख़याल रखना
ये तितलियों की तरह जो लब हैं तबस्सुम इन पर सजाए रखियो
ये है नसीहत ये है वसीयत ख़ुदाया इनका ख़याल रखना
ब नाम-ए-हमदम जो ख़त लिखा तो सलाम लिक्खा शुरू में ख़त के
फिर अपनी हालत लिखी और आख़िर में ख़त के लिक्खा ख़याल रखना
शजर तुम्हारी हर एक नसीहत का हम हमेशा भरम रखेंगे
ख़याल अपना रखेंगे हर दम सुनो तुम अपना ख़याल रखना
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