आपका फ़ौलाद सा गर हौसला हो जाएगा
फिर पहाड़ों में समझ लो रास्ता हो जाएगा
इस मोहब्बत में अगर तू मुब्तिला हो जाएगा
पहले दीवाना बनेगा फिर फ़ना हो जाएगा
दर्द-ए-दिल जब दोस्तों हद से सिवा हो जाएगा
कह गए हैं जौन-ओ-मिर्ज़ा ये दवा हो जाएगा
बेवफ़ाओं का अगर जो तज़्किरा हो जाएगा
ज़ख़्म-ए-दिल यारों मेरा फिर से हरा हो जाएगा
जब ख़ुदा ने साथ दोनों का लिखा है मौत तक
क़ैस फिर किस तरह लैला से जुदा हो जाएगा
दो दिलों को जिस भी दिन दुनिया मिलाने लग गई
इश्क़ का उस दिन मुकम्मल सिलसिला हो जाएगा
मत सुनाओ तुम मुझे यारों कहानी इश्क़ की
फिर से कोई क़ैस लैला से जुदा हो जाएगा
पुरख़तर राहें मेरी आसान होती जाएँगी
हाँ अगर वो शख़्स मेरा रहनुमा हो जाएगा
इश्क़ का मतलब फ़क़त जिस्मों की होगी आरज़ू
हाल ये अब आने वाली नस्लों का हो जाएगा
चंद दौलत आते ही कमज़र्फ लोगों का मियाँ
देखिएगा आप भी शजरा खरा हो जाएगा
जब ख़ुदा की होगी रहमत तो शजर तुम देखना
कौन क्या था कौन क्या है कौन क्या हो जाएगा
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