जान हम पर लुटाने वाले लोग
ख़ुश रहें हम को पाने वाले लोग
तर्क कर दें तमाम रिश्तों को
मुझसे रिश्ता निभाने वाले लोग
लौटकर फिर कभी नहीं आते
मौत के साथ जाने वाले लोग
हैफ़ है ख़ुद को भूल बैठे हैं
देखो हमको भुलाने वाले लोग
दिल में बुग़्ज़-ओ-हसद भी रखते हैं
हाथ हँसकर मिलाने वाले लोग
अपनी आँखों का रोज़ सदक़ा दें
ख़्वाब तेरे सजाने वाले लोग
गिर गए ख़ुद ही मेरे क़दमों में
देखो मुझको गिराने वाले लोग
दस्तरस में ज़रूर आएँगे
दस्तरस में न आने वाले लोग
मुस्तहक़ हैं मुबारकी के सब
मेरी हिम्मत बढ़ाने वाले लोग
मुब्तिला हैं सभी मुसीबत में
राह-ए-हक़ पर न आने वाले लोग
चैन से कैसे रह रहे हैं ये
दिल किसी का दुखाने वाले लोग
आज तक हमको मिल नहीं पाए
दिल हमारा चुराने वाले लोग
दिल शजर का दुखा के जाते हैं
दिल शजर पर लुटाने वाले लोग
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