सीधे दिल पर वार हुआ है, प्यार हुआ है
तीर जिगर के पार हुआ है, प्यार हुआ है
पागल तो आवाज़ भी करती थी उसकी पर,
जैसे ही दीदार हुआ है, प्यार हुआ है
तितली मन के बाग़ में बैठी ही रहती है,
फूलों का त्यौहार हुआ है , प्यार हुआ है
चेहरे पहले भी इस दिल को भाते थे पर,
ऐसा पहली बार हुआ है , प्यार हुआ है
'दर्पन' कोई ख़्वाब में खोया ही रहता है,
दरिया से दीवार हुआ है, प्यार हुआ है
तीन दफ़ा ये कह सकता हूँ मेरे यारों,
प्यार हुआ है, प्यार हुआ है, प्यार हुआ है
दर्पन ❤️
As you were reading Shayari by Abhas Nalwaya Darpan
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