सूरत सीरत क़ामत ऐन क़यामत है
वो क़ुदरत की सबसे आला औरत है
उस पर इश्क़ की जाने कैसी नेमत है
जिस पर हाथ रखे वो पेश-ए-ख़िदमत है
मेरी तो इकलौती चाह तुम्हीं थे बस
उसके बाद मिले जो कुछ वो क़िस्मत है
सुलझे सुलझे लोग उलझ कर कहते हैं
उलझे बालों वाली लड़की आफ़त है
ये जो नई फ़ोरेवर वाली फ़ोटो है
उसकी साल की चौथी पाक मुहब्बत है
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