कैसे मचा वहाँ पर कोहराम तुम बताओ
किसने किसे किया है नीलाम तुम बताओ
बंदूक़ हाथ में ही थामे वो लोग रहते
इंसानियत हुई है बदनाम तुम बताओ
हर-सू हलाकुओं का घर आग से जलाना
चलता वहाँ पे किसका अहकाम तुम बताओ
माहौल भी बिगड़ता है कुछ गिने चुनों से
तहज़ीब कौन करता बदनाम तुम बताओ
ख़ामोश सा समा जब सब कुछ बयाँ करे तो
तब मुतमइन हुए क्यूँ गुमनाम तुम बताओ
वीरान क्यूँ लगे हैं आँगन वहाँ घरों के
किसने दिया उसे ये अंजाम तुम बताओ
हाँ दस्तरस रहे हैं छोटी बड़ी मनोहर
भारत महान है ये पैग़ाम तुम बताओ
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