कुछ भी कैसे कह देता मैं यार उसे
के पहले था ही नहीं मुझसे प्यार उसे
कितने नखरे , कितनी शर्तें , मत पूछो
फिर भी हमने कर ही लिया तैयार उसे
हर लड़के की ख्वाहिश बस इतनी सी के
वो साड़ी में दिख जाए इक बार उसे
As you were reading Shayari by Nirvesh Navodayan
our suggestion based on Nirvesh Navodayan
As you were reading undefined Shayari