तुम्हें दिल में बिठाना कम नहीं था - Nityanand Vajpayee

तुम्हें दिल में बिठाना कम नहीं था
ख़ुदा से रूठ जाना कम नहीं था

बदन में ख़ूँ का स्तर घट गया है
मुहब्बत को निभाना कम नहीं था

तवायफ़ की तरह दुनिया के द्वारा
मुझे इतना नचाना कम नहीं था

जो हँसने खेलने वाला मुसाफ़िर
उसे ग़म में डुबाना कम नहीं था

मेरा काँसा ही तुमने तोड़ डाला
तुम्हारे दर पे आना कम नहीं था

जो दिल से साथ में थी ही न मेरे
उसे अपना बनाना कम नहीं था

किसी के दिल में बसकर 'नित्य' उस पर
सितम इस तरह ढाना कम नहीं था

- Nityanand Vajpayee
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