आख़िर ये इश्क़ क्या है जादू है या नशा है
जिसको भी हो गया है पागल बना दिया है
हाथो में तेरे हमदम जादू नहीं तो क्या है
मिट्टी को तू ने छूकर सोना बना दिया है
उस दिन से जाने कितनी नज़रें लगी हैं मुझपर
जिस दिन से तूने मुझको अपना बना लिया है
मैंने तो कर दिया है ख़ुद को तेरे हवाले
अब तू ही जाने हमदम क्या तेरा फ़ैसला है
इस दिल का क्या करें अब सुनता नहीं जो मेरी
तुझको ही चाहता है तुझको ही सोचता है
पल भर में रूठ जाना पल भर में मान जाना
तेरी इसी अदा ने दिल को लुभा लिया है
खिलता हुआ ये चेहरा यूँ ही रहे सलामत
तू ख़ुश रहे हमेशा मेरी यही दुआ है
Read Full