या तो ये हर दिन का झगड़ा छोड़ दें

  - Saurabh Sharma 'sadaf'

या तो ये हर दिन का झगड़ा छोड़ दें
या तो फिर हज़रत मोहल्ला छोड़ दें

हो सके तो सस्ता महँगा छोड़ दें
वरना बेहतर है ये सौदा छोड़ दें

इश्क़ तोते में हमारी जान है
उनसे कहियेगा के रोना छोड़ दें

उनसे ये सुनना तो जैसे ख़्वाब है
फिर नहीं होगा न !! ग़ुस्सा छोड़ दें

है वतन तो आप भी महफ़ूज़ हैं
सो हिदायत है एजेंडा छोड़ दें

उनकी आँखें झील हैं तो क्या करें
डूब जाएँ, काम धंधा छोड़ दें?

  - Saurabh Sharma 'sadaf'

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