भले ही आपने मुँह हम से मोड़ा हो

  - Saba Rao

भले ही आपने मुँह हम से मोड़ा हो
गुज़िश्ता पल हमें तो याद आते हैं

'सबा' तुम आज बज़्म-ए-ऐश में आओ
यहाँ अज़्मत के तख़्त-ओ-ताज मिलते हैं

  - Saba Rao

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