मुफ़्त जो बन सके मुझे बेचें
आप भी अपने मशवरे बेचें
डिग्रियाँ बेचना ही काफ़ी नहीं
अपने हिस्सों के तजरबे बेचें
वरना ये ख़ून भी तो पानी है
आओ कुछ क़तरे ख़ून के बेचें
हमने वादा किया है ख़ुशियों का
क्यों ग़मों को हम आपसे बेचें
सुनो ऐ घोड़े बेचने वाली
हम भला किसको रतजगे बेचें
सुनते हैं वो बहुत पटाखा है
उसके घर पर चलो दिए बेचें
हम नहीं ज़ेवरात के शौक़ीन
हम जवानों को असलहे बेचें
दाम मुँह माँगी ले लें और हमें
अपने होंठों के ज़ाएक़े बेचें
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