यूँ खामोश बैठे किस उलझन में हो

  - Shashank Tripathi

यूँ खामोश बैठे किस उलझन में हो
इंकार है या इकरार है बता दो हमे

मोहब्बत हमने की है तुमसे
गर इश्क़ ख़ता है तो सज़ा दो हमे

मरता नहीं इस जहां में कोई किसी के बगैर
गर ज़िंदा हो तो इत्तिला दो हमे

सुना है हमारे ख़तों को जला दिए तुमने
गर जला सको तो जला दो हमे

ये जो दुनिया इश्क़ के खिलाफ है, कहाँ है?
ऐलान-ए-जंग करनी है , कोई पता दो हमे

लड़ाई मुश्किल है तो क्या, हौसले बुलंद हैं
बात आजमाइश की है तो आज़मा लो हमे

  - Shashank Tripathi

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