कुछ रोज़ आजमाओगे और लौट जाओगे
तुम भी क़रीब आओगे और लौट जाओगे
मन-मानियाँ करोगे तो फिर मेरे साथ साथ
अपना भी दिल दुखाओगे और लौट जाओगे
तुम भी ज़मीन-ए-दिल पे यक़ीनन मिरे हबीब
ज़ख़्मों के घर बनाओगे और लौट जाओगे
इस बात का पता हमें पहले न था कि तुम
नीचा हमें दिखाओगे और लौट जाओगे
मैं जानता हूँ तुम को भली भाँति ग़म-गुसार
अपनी ही बस सुनाओगे और लौट जाओगे
इतने दिनों में हम ने ये सोचा न एक दिन
तुम भी हमें सताओगे और लौट जाओगे
कमरे में आज आया तो दीवार ने कहा
फिर उस के ख़त जलाओगे और लौट जाओगे
वादा तो कर रहे हो मगर जानता हूँ तुम
मतलब तलक निभाओगे और लौट जाओगे
'सोहिल' तुम्हारी ज़िंदगी धोकों से है भरी
दो चार फिर से खाओगे और लौट जाओगे
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