दिल अगर करने लगे प्यार ग़ज़ल होती है - Anis shah anis

दिल अगर करने लगे प्यार ग़ज़ल होती है
ग़म से हो कोई जो बेज़ार ग़ज़ल होती है

दिलनशीं हुस्न नज़र सामने आ जाए तो
बज उठें दिल के अगर तार ग़ज़ल होती है

दर्द जब हद से गुज़र जाए कभी सीने में
आँखों से बहने लगे धार ग़ज़ल होती है

ज़ुल्म हाकिम के रियाया पे अगर बढ़ जाए
जब क़लम बनता है तलवार ग़ज़ल होती है

एक बेबस को सताए जो कभी कोई 'अनीस'
दिल में होने लगे यलग़ार ग़ज़ल होती है

- Anis shah anis
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