भर दिया था ख़ुद को पहले घाव से
डर नहीं रहता था फिर बदलाव से
दोस्त पर कस सकते हो कोई भी तंज़
तंज़ कसना वो भी अच्छे भाव से
बैठ कर दो बातें करनी पड़ती है
हल नहीं आता कोई टकराव से
रोकता था सबको बूढ़ा कहके ये
चोट खाई है कई पथराव से
राजनेता काम करते है ये पर
कुछ नहीं मिलता 'धरम' अलगाव से
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