yahan tu hai wahan tu hai yahan wahan tu hai | यहाँ तू है वहाँ तू है यहाँ वहाँ तू है

  - Raj

yahan tu hai wahan tu hai yahan wahan tu hai
hai kaifiyat ye ke ab har jagah miyaan tu hai

meri ye zid hai agar teri ye hi zid hai to
jamaai hi nahi luun main jo loriyaan tu hai

tere is uns ne qismat mein zakham hain likkhe
main zabt-o-dast hoon vidhwa ka choodiyan tu hai

kisi kisi ko to alfaaz tak nahin hai tu
kisi kisi ko to poori hi dastaan tu hai

baghair aanch ke to roti bhi nahin pakti
naseeb waale hain vo jinki siskiyaan tu hai

kisi ko poochta tha main nazar mein hai koi
gale se lag ke koi kehta tha ke haan tu hai

यहाँ तू है वहाँ तू है यहाँ वहाँ तू है
है कैफ़ियत ये के अब हर जगह मियाँ तू है

मेरी ये ज़िद है अगर तेरी ये ही ज़िद है तो
जमाई ही नही लूँ मैं जो लोरियाँ तू है

तेरे इस उन्स ने क़िस्मत में ज़ख़्म हैं लिक्खे
मैं ज़ब्त-ओ-दस्त हूँ विधवा का चूड़ियाँ तू है

किसी किसी को तो अल्फ़ाज़ तक नहीं है तू
किसी किसी को तो पूरी ही दास्ताँ तू है

बग़ैर आँच के तो रोटी भी नहीं पकती
नसीब वाले हैं वो जिनकी सिसकियाँ तू है

किसी को पूछता था मैं नज़र में है कोई
गले से लग के कोई कहता था के हाँ तू है

  - Raj

Hug Shayari

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