मुझे देख कर तू जो रो पड़ा मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
कोई वास्ता कोई राब्ता मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
मिरे हाल-ए-दिल की जो थी तुझे वो ख़्याल-ओ-फ़िक्र कहाँ गई
मिरी चारागर मिरी साक़िया मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
वो जो हर घड़ी तुझे चाह थी मुझे देखने में जो राह थी
वो जुनून-ए-इश्क़ कहाँ गया मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
मुझे रोज़-ओ-शब के मसाइलों की न फ़िक्र है न गरज़ कोई
मिरी जान-ए-मन मिरी दिल-रुबा मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
तिरा इश्क़ तो बड़ा पाक था तुझे वसवसे भला आए क्यूँ
तुझे किसने मुझसे जुदा किया मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
शब-ए-क़द्र की वो हिकायतें वो शिकायतें तुझे याद हैं
मिरी वालिया मिरी राबिया मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
तिरेे लहजे में ये कठोरपन भला आया क्यूँ मिरी जान-ए-मन
मुझे ये बता तुझे क्या हुआ मुझे ये बता तुझे क्या हुआ
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