क़िस्मत ख़ुदा ने मेरी जो पहले पहल लिखी

  - Anuj kumar

क़िस्मत ख़ुदा ने मेरी जो पहले पहल लिखी
उस ने ग़म-ए-फ़िराक़ ही मेरी मज़ल लिखी

बातों का उन सभी न असर उन पे था कभी
बातें सभी जो उन पे ही करके अमल लिखी

याराँ पिया है ज़हर मिरा इश्क़ में अभी
मैंने दुखों से इश्क़ के पहली ग़ज़ल लिखी

लाया है अश्क़ तेरी ये आँखों में वो 'अनुज'
आँखें वो जिस की तूने कभी थी कँवल लिखी

  - Anuj kumar

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