एक दिन उसके बिना ही मुस्कुराते देखना
तुम मुझे मिलते बिछड़ते भूल जाते देखना
यूँ किसी के वास्ते रोते न देखोगे मगर
एक लड़की के लिए तुम गिड़गिड़ाते देखना
ये नहीं सोचा था मैंने तुम मिलो मुझको यहाँ
हाँ मगर जो मिल लिए हो याद आते देखना
ये हमारी क़िस्मतों का फ़ैसला है या मज़ाक़
इश्क़ में इक दूसरे को दूर जाते देखना
साथ में तुम ग़ैर के रहने लगे हो आज पर
सामने उसके मेरा ही नाम आते देखना
मैं हमेशा से रहा हूँ सर उठाने का मुरीद
हार जाऊँ गर जो उसको सर झुकाते देखना
साथ उसके चल दिए पर ये कलेजा भी रखो
ख़ुद को उसके बिन सफ़र से लौट आते देखना
आज सब जज़्बात तेरे यूँ क़रीबी बन रहे
काम लेकर इनका तेरे काम आते देखना
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