क्यूँ हमारे यूँ मा-बैन दीवार है
हम को दुनिया की रस्मों से इनकार है
कुछ सफ़र कर के देखा तो ज़ाहिर हुआ
रास्ता जो है सीधा वो दुश्वार है
पाँच छह इंच के फ़ोन में खो गए
देखो दुनिया जो दुल्हन सी तैयार है
आपसे मुझ को बस इक शिकायत रही
मैं वो बच्चा जिसे प्यार दरकार है
हालत-ए-दुनिया के हालत-ए-दिल पढ़ो
सामने आपके मैं हूँ अख़बार है
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