जब क़त्ल हुआ हैं तो कातिल भी होगा
कोई ईलाज-ए-ज़ख्म-ए-दिल भी होगा
हमसे मत कहो उस से सुख़न की बातें
हम बता सकते हैं कहाँ पे तिल भी होगा
सफ़र में उम्र गुज़रे पर इसके आख़िर में
खोने वालों को आख़िर हासिल भी होगा
आज आसान हैं रास्ता तो तैयारी में रहो
मुमकिन हैं वक़्त कहीं मुश्किल भी होगा
यहाँ कोई महफ़िल ख़ाली कहाँ रहती हैं
कोई छोड़ जायेगा कोई शामिल भी होगा
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