शाहजहाँ जब याद में खोकर ताजमहल बनवाएँगे
मजनूँ जी जब पागल होकर लैला री चिल्लाएँगे
हम तो कायर प्रेमी हममें क्या कोई सामर्थ्य मगर
जादूनगरी से हम कोई जादूगर ले आएँगे
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