मैं ये क्यों कहूँगा कि हिम्मत नहीं है
सो ये कह रहा हूँ मोहब्बत नहीं है
अलावा मेरे क्या किसी को यहाँ पर
ख़ुदा से कोई भी शिकायत नहीं है
अभी के ज़माने में तो झूठ है सब
किसी को किसी से मोहब्बत नहीं है
हमारे सभी ग़म हैं ख़ुश ज़ब्त में ही
हमें आँसुओं की ज़रूरत नहीं है
उदासी सुख़न चाय सिगरेट जब तब
मुझे और कोई बुरी लत नहीं है
है माँ की मोहब्बत ही सच्ची मोहब्बत
ये वो घी है जिसमें मिलावट नहीं है
गया तू तो सिगरेट आदत बना ली
बिन आदत के जीने की आदत नहीं है
मोहब्बत में इंसाफ़ पागल हो क्या तुम
मोहब्बत की कोई अदालत नहीं है
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