मिरे सब यार पत्थर हैं
बड़े दमदार पत्थर हैं
लगा था फूल हैं सारे
नहीं हैं यार, पत्थर हैं
मुहब्बत पर लिखूँ कैसे
मिरे अशआर पत्थर हैं
तिरी ख़ातिर बहुत झेले
बड़े बेकार पत्थर हैं
मिरी बेटी डरी सहमी
मगर सरकार पत्थर हैं
कहाँ तक आँसु बरसाऊं
अभी दरकार पत्थर हैं
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