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Top 10 of
Naresh sogarwal 'premi'
Top 10 of
Naresh sogarwal 'premi'
तुम्हें ज़रूर हिफ़ाज़त से कोई रक्खेगा
मगर दवा कहाँ से हिज्र की वो लाएगा
Naresh sogarwal 'premi'
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वो मुझसे अकस्मात भी नइँ मिला
मिरे ही मुक़द्दर में सँजोग नइँ
Naresh sogarwal 'premi'
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मैंने देखा लोग ऐसे होते हैं बर्बाद फिर
यूँ हुआ रंज-ए-जुदाई में मैं खुद को खा गया
Naresh sogarwal 'premi'
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मेरी सुब्ह और रात का विवाद तो ये है
मुझ को लगती है सिगार सोने और जगने में
Naresh sogarwal 'premi'
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जितनी भी ख़्वाहिशें थी सभी मेरी थीं
जितने भी ख़्वाब थे सब के सब तेरे थे
Naresh sogarwal 'premi'
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मिरा अब नहीं लगता दिल तो कहीं भी
हक़ीक़त ये मैं हूँ भी और अब नहीं भी
जी ऐसे रहा हूँ कि मेरा कोई नइँ
मैं घर पहले रहता था और अब कहीं भी
मिरे साथ ख़्वाबों की दुनिया है लेकिन
हक़ीक़त में इक ख़्वाब-दीदा नहीं भी
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Naresh sogarwal 'premi'
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इनके किसी जो दिल के टुकड़े की ख़बर
दुर्घटना मिथ्या ही सुना दूँ जो अगर
फैली है जो झूठी ख़बर जज़्बात की
तब रो पड़ेंगे सब ही सुन के ये ख़बर
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Naresh sogarwal 'premi'
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तू मिलने से हर बार मुकरा करेगी
मिरी ईद अब यूँ ही गुजरा करेगी
Naresh sogarwal 'premi'
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ख़ुशी और ग़म का तो आलम यही है
कि सिगरेट जलती है दोनों समाँ पर
Naresh sogarwal 'premi'
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जिंदगी में रहे संग तीनों ही हम
मैं मिरी ये क़लम और मेरा ये ग़म
Naresh sogarwal 'premi'
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