"प्रीत" ये मुहब्बत जब बेहिसाब होती है
लब गुलाब, कातिल आँखें शराब होती हैं
तुम वहां कभी जो बीमार होते हो, जानाँ
हालतें यहां मेरी भी ख़राब होती हैं
प्यार के बिना सजदों में असर नहीं आता
सारी कोशिशें ही नाकामयाब होती हैं
प्यार गर बड़ी शिद्दत से निभाया जाए तो
बाद उसके नफ़रत भी लाज़वाब होती है
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