डाकिया लेकर सर-ए-आम आ गया
फिर से उनका एक पैग़ाम आ गया
लिख के उस ने है बताया इस दफ़ा
इसलिए ख़त इक मिरे नाम आ गया
बाँध लो तुम सारा सामान-ए-सफ़र
यार का मेरे ये अहकाम आ गया
कर लो तैयारी चलो अब हम चले
इश्क़-ए-फ़ानी में हैं आलाम आ गया
आया क्या तुम पूछते हो फिर सुनो
इश्क़ का मेरे है अंजाम आ गया
लगता है मौसम सुहाना 'शम्स' ये
कर रही वो शादी पैग़ाम आ गया
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