Aiman Junaid Khan

Aiman Junaid Khan

@aiman-junaid-khan

Aiman Junaid Khan shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Aiman Junaid Khan's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
नज़र हथियार करना चाहते हैं
अदा से वार करना चाहते हैं

निगाहें चार करना चाहते हैं
तुम्हें हम प्यार करना चाहते हैं

रहे हैं सब्र की बस्ती में ज़िंदा
तो अब इज़हार करना चाहते हैं

निगाहें बंद कर ली हैं कि जानाँ
तिरा दीदार करना चाहते हैं

बना कर हौसला पतवार अब हम
समुंदर पार करना चाहते हैं

अदाकारी दग़ा देने की कर के
तुझे होश्यार करना चाहते हैं

सुना कर दास्ताँ तर्क-ए-तअ'ल्लुक़
ज़मीं हमवार करना चाहते हैं

रिदा-ए-बे-हिसी ओढ़े हैं याँ जो
उन्हें बेदार करना चाहते हैं

हिलेंगे लफ़्ज़ों से ऐवान सारे
क़लम तलवार करना चाहते हैं

गिरफ़्तार-ए-मोहब्बत कर के 'ऐमन'
ग़ज़ब सरकार करना चाहते हैं
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Aiman Junaid Khan
जा छुपी है कहाँ गुफाओं में
ऐ ख़ुशी अब झलक अदाओं में

ज़िंदगी बोझ बनती जाती है
कुछ तो तरमीम कर सज़ाओं में

इक नज़र तो पलट के देख ज़रा
मैं भी हूँ तेरी आश्नाओं में

शहर का शहर यूँ दिवाना नहीं
बात कुछ तो है इन अदाओं में

दीद से ही इलाज मुमकिन है
ज़हर ही ज़हर है दवाओं में

ज़ीस्त की हर तपिश में जलती रही
यार बैठे रहे हवाओं में

ऐ हयात इस-क़दर न मुश्किल हो
ख़ौफ़ हो तेरी धूप छाँव में

मुझ को तस्लीम है जफ़ा तेरी
है अक़ीदत मिरी वफ़ाओं में

मुझ को मुझ से चुराने वाले सुन
तू है शामिल मिरी दुआओं में

आसमाँ मैं भी छू ही सकती थी
बेड़ियाँ हैं अनेक पाँव में

ज़िक्र अब तो करो मोहब्बत का
कितनी नफ़रत है इन फ़ज़ाओं में

रात भर जागते हैं बच्चे भी
अब नहीं फ़र्क़ शहर गाँव में

बस पसीने नसीब में आए
ज़िंदगी तेरी धूप छाँव में

वक़्त के मारे तन्हा तुम ही नहीं
मैं भी शामिल हूँ मुब्तलाओं में

ज़िंदगी और कितना चलना है
आबले पड़ गए हैं पाँव में
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Aiman Junaid Khan