Janaan Malik

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@janaan-malik

Janaan Malik shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Janaan Malik's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Nazm
"कौन समझेगा इस पहेली को"
म्यूनिख़ में आज क्रिसमस है
सारे मनाज़िर ने सफ़ेद चादर ओढ़ रखी है
कमरे की खिड़की से आती उदासी चहार-सू फैलती जा रही है
अंधेरा उदासियों के नौहे पढ़ रहा है
मुमटियों से फिसलता नहीं कोई कंकर
लम्हे साकित हो गए हैं
अलमारी के ख़ानों में कुछ यादें बिखरी पड़ी हैं
सामने पड़ी कुर्सी झूल रही है
सारा माहौल सोगवार है
अजीब सा डर है
जो आँसू बन कर उतर रहा है
आसमाँ सात रंग रौशनियाँ
क़हक़हे साज़ नग़्मगी
ये हुजूम साल-हा-साल की मसाफ़त है
केंचुली बदलने का एहसास
आँखों की ख़ामोशी से अथाह गहराई में उतर रहा है
मैं अभी लौट कर नहीं आई
दिल ने बरसों से रू-ए-आलम की ख़ाक छानी है
तेरी अंखों में कहीं वो ज़माने सिमट के आ गए हैं
जब कोएटा एयरपोर्ट से नम-नाकी ने तुम्हें रवाना किया
रक़्स नग़्मगी
चूड़ियों की खनक के नीचे हैं
भारी है इन सब साज़ों से
हाथ ख़ाली हैं दिल वीरान है
दायरा दायरा ये ख़ामोशी
दायरा दायरा ये तन्हाई
जिस में क़दीम आसार
मोहन-जोदाड़ो हड़प्पा बाबिल टेक्सला के
जो मेरे अंदर लम्हा लम्हा उतरते जाते हैं
मजीद अमजद
मैं फ़ासलों की कमंद की असीर
मैं तेरी शालात
रूद-बार के पुल पर बड़ी देर से खड़ी हूँ
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Janaan Malik
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