ऐसे किया है इश्क़ ने ख़ुद में फ़ना मुझे
मैंने जिया है उसको और उसने जिया मुझे
तुझ से बिछड़ के मैं भी तो तनहा नहीं रहा
ग़म ने तड़प ने दर्द ने अपना लिया मुझे
मुझको तो एक हादसा ऐसा भी याद है
आँखों में आँखें डाल के लूटा गया मुझे
क्यूँ हैं मेरे सवाल पे उलझे हुए से आप
मैं तो सभी से पूछता हूँ क्या हुआ मुझे
यादों से आपकी मुझे हर सू मिला है फ़ैज
कैसे कहूँ के आपने तन्हा किया मुझे
Read Full