"भूल जाऊँगा मैं"
मैं भूल रहा हूँ वो बातें, जो शायद
हुई थी तुझसे, मेरे एक ख़्वाब की तलाश में
ख़्वाब वो जिनके साथ गुज़री थी मेरी शामें
मैंने भुला दिया है तुझे, ज़माने में मसरूफ़ रह कर
हाँ, जब कभी मैं तन्हा होता हूँ
तो वो तन्हा शामें, मेरी ये बेसब्र आँखें
ढूँढ़ती है तुझे, बीते उन लम्हों में कहीं
जो गुज़ारे थे मैंने तेरे ख्वाबों के साथ
अक्सर रात होने तक, मैं पाता हूँ
ख़ुद को उलझा हुआ तेरी यादों में कहीं
गुज़र जाएँगे ये दिन भी यूँ ही
जैसे गुज़ार दिए कुछ तेरी दीवानगी में
ये तन्हाई तुझे याद तो करती है
मगर गुज़रते रहे जो ये दिन यूँ ही
तो तुझे, भूल जाऊँगा मैं
Read Full