पक गए सुन कर बड़ाई आपकी - Akash Gagan Anjaan

पक गए सुन कर बड़ाई आपकी
हम नहीं देंगे दुहाई आपकी

आप कहते तो मना करता नहीं
हँस के कर देता विदाई आपकी

हाथ में उसके वो कंगन रह गया
जिसकी चाहत थी कलाई आपकी

कौन है जब पूछता था फ़ोन पर
कैसे कहती थी लुगाई आपकी

दोस्त हूँ उसका हमें बतलाइए
कब हुई किससे सगाई आपकी

प्रेम तो जब भी मिला भूखा मिला
कौन खाता था कमाई आपकी

आप तो लानत के भी लायक नहीं
आप ख़ुद ही हैं दवाई आपकी

- Akash Gagan Anjaan
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