पक गए सुन कर बड़ाई आपकी
हम नहीं देंगे दुहाई आपकी
आप कहते तो मना करता नहीं
हँस के कर देता विदाई आपकी
हाथ में उसके वो कंगन रह गया
जिसकी चाहत थी कलाई आपकी
कौन है जब पूछता था फ़ोन पर
कैसे कहती थी लुगाई आपकी
दोस्त हूँ उसका हमें बतलाइए
कब हुई किससे सगाई आपकी
प्रेम तो जब भी मिला भूखा मिला
कौन खाता था कमाई आपकी
आप तो लानत के भी लायक नहीं
आप ख़ुद ही हैं दवाई आपकी
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